भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने के लिए कोलकाता हावड़ा के अलावा अन्य हिस्सों में भी नदियों एवं तालाबों के किनारे छठ व्रतियों एवं श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। इससे बंगाल में भी मिनी बिहार जैसा नजारा दिखा। लोगों में छठ को लेकर गजब का उत्साह दिखा।इस दौरान पुलिस प्रशासन की ओर से विभिन्न घाटों पर सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर बंगाल में भी लोगों का उत्साह चरम पर है। राजधानी कोलकाता, हावड़ा, हुगली, आसनसोल समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में बड़ी तादाद में रहने वाले बिहार व यूपी के हिंदी भाषी लोग हर साल यहां बड़े धूमधाम के साथ छठ मनाते हैं। सूर्य उपासना के चार दिवसीय छठ महापर्व के तीसरे दिन रविवार शाम में हजारों की संख्या में छठव्रतियों ने कोलकाता व हावड़ा में हुगली (गंगा) नदी के किनारे विभिन्न घाटों पर अस्ताचलगामी यानी डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य अर्पित किया।
भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने के लिए कोलकाता, हावड़ा के अलावा अन्य हिस्सों में भी नदियों एवं तालाबों के किनारे छठ व्रतियों एवं श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। इससे बंगाल में भी मिनी बिहार जैसा नजारा दिखा। लोगों में छठ को लेकर गजब का उत्साह दिखा।इस दौरान पुलिस प्रशासन की ओर से विभिन्न घाटों पर सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे। विभिन्न तरह के फलों, ठेकुआ व अन्य पकवान एवं जलते दीपक से भरे सूप लिए नदी/तालाब के पानी में खड़ा होकर छठव्रतियों ने भक्ति एवं श्रद्धा के साथ सूर्यदेव का पूजन किया।