आज 64वां जन्मदिन मना रहे हैं उद्धव ठाकरे, जानिए कैसा रहा उनका राजनीतिक सफर आज यानी की 27 जुलाई को राजनीति में एक अलग पहचान रखने वाले उद्धव ठाकरे अपना 64वां जन्मदिन मना रहे हैं। उन्होंने साल 2019 से लेकर 2022 तक महाराष्ट्र के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है। वर्तमान समय में वह महाराष्ट्र की फेमस राजनीतिक पार्टी शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के अध्यक्ष हैं। ठाकरे के जीवन में एक समय ऐसा भी था, जब वह राजनीति से ज्यादा फोटोग्राफी में रुचि रखते थे।
बता दें कि फोटोग्राफी में दिलचस्पी के चलते उन्होंने करीब 40 साल तक खुद को पार्टी से दूर रखा। उद्धव ठाकरे को अपने पिता बाल ठाकरे से राजनीति विरासत में मिली है। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर उद्धव ठाकरे के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…
जन्म और शिक्षा
मुंबई में 27 जुलाई 1960 को उद्धव ठाकरे का जन्म हुआ था। उनका पूरा नाम उद्धव बाल केशव ठाकरे है। शुरूआती शिक्षा पूरी करने के बाद उद्धव ठाकरे ने मुंबई यूनिवर्सिटी से माइक्रोबायोलॉजी में स्नातक की डिग्री पूरी की। बाद में उन्होंने एक पेशेवर फोटोग्राफर के तौर पर अपने करियर की शुरूआत की थी। लेकिन उनका दिल पूरी तरह से राजनीति में था। वहीं महाराष्ट्र की राजनीति में उनका अहम योगदान है। साल 2000 से पहले वह राजनीति से दूर रहते थे।
राजनीतिक सफर
बता दें कि उद्धव ठाकरे पहले शिवसेना के अखबार ‘सामना’ का काम देखते थे। लेकिन पिता और शिव सेना के संस्थापक बाल ठाकरे के खराब स्वास्थ्य के कारण वह राजनीति में सक्रिय हुए और पार्टी का कामकाज संभालने लगे। बहुत कम समय में उद्धव ठाकरे ने राजनीति में अपना एक अलग मुकाम हासिल किया। उद्धव ठाकरे ने भारत के राजनीतिक परिदृश्य पर अपनी एक अमिट छाप छोड़ी। हालांकि उनका राजनीतिक सफर काफी उतार-चढ़ाव से भरपूर रहा।
बाल ठाकरे की मृत्यु के बाद शिवसेना का उत्तराधिकारी कौन होगा, यह मुख्य प्रश्न बन गया था। शिवसेना और पिता की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए उद्धव ठाकरे को अपने चचेरे भाई राज ठाकरे से भी लड़ाई लड़नी पड़ी थी। जिसके कारण शुरूआत में पार्टी में एक गुट को इसका विरोध भी झेलना पड़ा।
बता दें कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना (उद्धव गुट) ने अपनी राजनीतिक पहुंच का विस्तार किया। उन्होंने न सिर्फ अपनी क्षेत्रीय बल्कि हिंदुत्व विचारधारा का भी समर्थन जारी रखा। पार्टी ने लगातार महाराष्ट्र के लोगों के अधिकारों की वकालत की और किसानों के कल्याण, बेरोजगारी और पर्यावरण जैसे मुद्दों पर चिंता व्यक्त की।
महाराष्ट्र के सीएम
महाराष्ट्र की राजनीतिक घटनाओं के एक अहम मोड़ में 28 नवंबर 2019 को उद्धव ठाकरे ने राज्य के सीएम के रूप में शपथ ली। यह शिवसेना (उद्धव गुट) के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था। क्योंकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ एक अप्रत्याशित गठबंधन बनाया था।
चुनौतियां और विरोध
अन्य राजनीतिक नेताओं की तरह उद्धव ठाकरे को भी कई चुनौतियों और आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। उद्धव ठाकरे द्वारा लिए गए कुछ निर्णयों का प्रतिद्वंद्वी दलों और विरोधियों ने काफी विरोध किया। लेकिन लचीलेपन, अशांत और राजनीतिक माहौल से गुजरने की क्षमता ने उद्धव ठाकरे को न सिर्फ समर्थकों बल्कि विरोधियों के समान रूप से सम्मान दिलाया।